क्या कर्नाटक में मस्जिद को तोड़ने पर मंदिर निकला है? ये सवाल इसलिए क्योंकि एक तस्वीर इन दिनों वायरल हो रही है, इस तस्वीर को @umagarghi नाम के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है, जिसके साथ इंग्लिश में एक मैसेज लिखा हुआ है, जिसका हिंदी में लब्बोलुआब कुछ ये है- ‘जब कर्नाटक के रायचुर में सड़क को चौड़ा करने के लिए एक मस्जिद को तोड़ा गया तो उन्हें यह मंदिर मिला। हमें सभी मस्जिदों को तोड़ने की जरूरत है।’
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तस्वीर में क्या है?
तस्वीर में खंडहर नुमा दीवार पर देवी प्रतिमा दिखाई दे रही है, उसके सामने सीढ़िया हैं और कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि रायचुर में सड़क को चौड़ा करने के लिए जब मस्जिद को तोड़ा गया तो उसमें पुराना मंदिर निकला। इस ट्वीट को 11 नंबवर को किया गया था, जिसे कई बार रीट्वीट किया गया।
क्या है तस्वीर की सच्चाई?
इस तस्वीर के निचले भाग पर, ‘चंद्रा कलरिस्ट’ का लोगो देखा जा सकता है। इससे लग रहा है कि ये तस्वीर किसी कलाकार की रचना हो सकती है। हमें चंद्रा कलरिस्ट नामक फेसबुक अकाउंट मिला, जिसने 8 मई, 2016 को वही तस्वीर पोस्ट की थी। मंदिर के स्थान के बारे में अपनी पोस्ट के कमेंट में पूछे गए एक प्रश्न का कलाकार ने जवाब दिया था कि यह उनका डिजिटल कलाकारी थी। इसलिए, वो तस्वीर जिसके बारे में दावा प्रसारित किया जा रहा है कि यह एक मस्जिद तोड़ने पर मिला मंदिर है, वास्तव में एक कलाकार का डिजिटल कलाकारी है।
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गूगल पर सर्च से क्या मिला?
जब हमने गूगल पर इस तस्वीर की रिवर्स सर्च की, तो हमें 12 अप्रैल, 2016 को मेईकियानबाओ की खींची गई एक तस्वीर मिली। हो सकता है चंद्रा ने उसी पर अपनी डिजिटल रचना बनाई। दोनों तस्वीरों की सावधानीपूर्वक जांच की जाए, तो चंद्रा द्वारा बनाई गई उपरोक्त तस्वीर की कई विशेषताएं नीचे दी गई तस्वीर में भी देखी जा सकती हैं। गूगल पर ये तस्वीर चीन के हेनान में लुओयांग के बौद्ध मंदिर की बताई गई। लिहाजा डिजिटल कलाकारी है, वहीं इसके साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह फेक है।