बहुत से लोग ऐसे होंगे जिन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं है कि छत्रपति शिवाजी को ‘Father of the Indian Navy’ भी कहा जाता है। जानिए क्यों “शिवाजी को इंडियन नेवी का पितामह” कहते हैं। देश भर में आज लोग मराठा साम्राज्य के संस्थापक, बहादुर योद्धा छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंति पर याद कर रहे हैं।
छत्रपति शिवाजी को भारत के सबसे उन्नतशील और विवेकशील शासकों में गिना जाता है। 19 फरवरी 1630 को उनका जन्म प्रतिष्ठित शिवनेरी किले में हुआ था। तब से लेकर आज तक महाराष्ट्र में उनकी जयंती को पारंपरिक तरीके से शिव जयंती के तौर पर मनाया जाता है।
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मराठा शासन में हुई नेवी की स्थापना
शिवाजी के दौर में मराठा शासन ने 1674 में नेवी फोर्स को स्थापित करने का काम किया था। शिवाजी को इस आधारशिला को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है। छत्रपति शिवाजी ने कोंकण और गोवा में समंदर की रक्षा के लिए एक मजबूत नेवी की स्थापना की।
शिवाजी इस हिस्से को अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और समुद्री लुटेरों से बचाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने भिवंडी, कल्याण और पनवेल में लड़ाई के लिए जहाज तैयार करवाए थे। इस लिए शिवाजी को ही ‘Father of the Indian Navy’ का श्रेय दिया जता है।
छत्रपति शिवाजी के पास 400 से 500 जहाज!
1657-58 तक इन जहाजों का निर्माण हुआ। शिवाजी ने प्रशिक्षित लोगों को इसका काम किया और 20 लड़ाकू जहाज बनवाए। शिवाजी ने जंजीरा कोस्ट लाइन पर सिद्दीस के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं।
शिवाजी के प्रशासन में रहे कृष्णजी अनंत सभासद ने लिखा था कि शिवाजी की फ्लीट में दो स्क्वाड्रन थीं। हर स्क्वाड्रन में 200 जहाज थे और सब अलग-अलग क्लास के थे। शिवाजी के सचिव रहे मल्हारा राव चिटनिस के मुताबिक यह संख्या 400 से 500 थी।
शिवाजी के पास 85 फ्रिगेट्स भी
इंग्लिश, डच, पुर्तगाली और डच ने भी मराठा शिप्स का उल्लेख किया है लेकिन इनकी संख्या कितनी थी यह नहीं बताया। कहा जाता है कि शिवाजी की फ्लीट में 160 से 700 तक व्यापारी थे। फरवरी 1665 में शिवाजी ने खुद बसरूर में अपनी सेना को जोड़ा।
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इंग्लिश फैक्ट्री रिकॉर्ड के मुताबिक शिवाजी की सेना में 85 फ्रिगेट यानी लड़ाई के छोटा जहाज और तीन बड़े जहाज थे। नवंबर 1670 में कोलाबा जिले में नंदगांव में 160 जहाजों को इकट्ठा करके एक फ्लीट तैयार की गई। दरिया सांरग इस फ्लीट के एडमिरल थे।
शिवाजी की नेवी में कई मुसलमान सैनिक भी थे। इब्राहीम और दौलत खान इनमें सबसे खास थे। दोनों ही अफ्रीकी मूल के थे और शिवाजी ने दोनों को ही बड़ी भूमिकाएं दी हुई थीं। सिद्दी इब्राहीम आर्टिलरी के प्रमुख थे।आज की मॉर्डन इंडियन नेवी को उसी नेवी का हिस्सा माना जाता है जिसकी स्थापना मराठाओं ने की और फिर शिवाजी ने इसे विस्तार दिया। इसी वजह से शिवाजी को ‘फादर ऑफ इंडियन नेवी’ कहते हैं।
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शिवाजी के नाम पर प्रशासनिक क्षमताओं का शाही इतिहास दर्ज है। उन्हें ऐसी रणनीतियों के लिए आज तक लोग याद रखते हैं जिन्होंने मुगल साम्राज्य की नींव को कमजोर करने में मजबूत भूमिका अदा की थी।
शिवाजी की जयंती पर पीएम मोदी और अमित शाह ने किया याद, बताया आदर्श शासनकर्ता
भारत के बहादुर शासकों में से एक रहे छत्रपति शिवाजी महाराज की आज जयंती है। छत्रपति शिवाजी को बुद्धिमान, बहादुर और एक महान राजा के रूप में याद किया जाता है साथ ही Father of the Indian Navy के रूप में ख्याति प्राप्त है महाराज छत्रपति शिवाजी। शिवाजी की जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया है।
‘हिन्दवी स्वराज्य के संस्थापक व साहस, शौर्य और पराक्रम के पर्याय छत्रपति शिवाजी महाराज न सिर्फ एक आदर्श शासनकर्ता थे बल्कि भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाले आदर्श पुरुष भी थे। मातृभूमि के लिए उनकी निष्ठा, समर्पण और बलिदान हमें सदैव प्रेरित करेगा। शिव जयंती पर उन्हें नमन।’
अमित शाह ने लिखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन लाखों लोगों को प्रेरणा देता है।
भारत के महानतम सपूतों में से एक, उनकी जयंती पर छत्रपति शिवाजी महाराज के साहस, करुणा और सुशासन का प्रतीक। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिवाजी का जीवन लाखों लोगों को प्रेरित करता है।
मोदी ने मराठी और अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए लिखा
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